17 अप्रैल 2014 - 06:14
आले ख़लीफ़ा के अत्याचारों की आलोचना

बहरैन में उल्मा काउंसिल और विफ़ाक़े मिल्ली पार्टी नें आले ख़लीफ़ा की तरफ़ से इस्लामी दुनिया के महान मरजए तक़लीद आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि को डराए और धमकाए जाने की कड़े शब्दों में आलोचना की है

बहरैन में उल्मा काउंसिल और विफ़ाक़े मिल्ली पार्टी नें आले ख़लीफ़ा की तरफ़ से इस्लामी दुनिया के महान मरजए तक़लीद आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि को डराए और धमकाए जाने की कड़े शब्दों में आलोचना की है। अल आलम की रिपोर्ट के अनुसार आले ख़लीफ़ा नें बहरैन में आयतुल्लाह सीस्तानी के प्रतिनिधि शेख़ हुसैन नजाती को 48 घण्टे की मोहलत दी है कि वह देश से चले जाएं। बहरैन के उल्मा नें इस धमकी को दीनी मरजीयत के ख़िलाफ़ धमकी बताया है और कहा है कि शेख़ हुसैन नजाती, बहरैन के नागरिक हैं और उनको धमकी देने का मतलब बहरैनी राष्ट्र को धमकी देना है। बहरैन की उल्मा कमेटी नें ऐलान किया है कि शेख़ हुसैन नजाती का अपमान और उनके अधिकारों पर हमला करना शिया मरजीयत और दीनी हस्तियों पर हमला करने जैसा है। इस कमेटी नें इस्लामी सहयोग संगठन और अन्य दीनी व शहरी अधिकारों के अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि बहरैन में आले ख़लीफ़ा के हाथों उल्मा और बुद्धजीवियों की गिरफ़्तारी, उनकी नागरिकता समाप्त किये जाने और उन्हें निराधार आरोपों से वतन छोड़ने पर मजबूर करने के ख़िलाफ़ रोक लगाएं।

टैग्स